शनिवार, 30 अप्रैल 2022। जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को जोधपुर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक प्रमोद जी टाक से उनके कार्यालय में मिला और राज्य सरकार की विद्युत विभाग से संबंधित गलत नीतियों के कारण उद्यमियों और आम जनता को हो रही समस्याओं के संबंध में प्रतिवेदन दिया। प्रतिनिधिमंडल में जेआईए पूर्व अध्यक्ष प्रकाश संचेती, सहसचिव अनुराग लोहिया, कोषाध्यक्ष सोनू भार्गव एवं उद्यमी कैलाश नारायण कंसारा शामिल थे।
अध्यक्ष एन.के. जैन ने बताया कि राज्य सरकार के राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा दिनांक 27 अप्रैल 2022 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में कोयले की आपूर्ति में भारी कमी, अत्यधिक गर्मी के कारण विद्युत मांग में वृद्धि एवं कोविड के बाद बढ़ी हुई व्यावसायिक गतिविधियों के कारण विद्युत की उपलब्धता एवं मांग में अन्तर का हवाला देते हुए राज्य की औद्योगिक इकाईयों में सायं 06ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक किये जाने वाले विद्युत उपभोग को सीमित करने का निर्णय किया गया है। अतः उक्त समयावधि के दौरान सभी औद्योगिक इकाईयाँ स्वीकृत क्षमता को 50 प्रतिशत तक ही विद्युत उपभोग करने का आदेश किया गया है। यह विद्युत कटौती औद्योगिक इकाईयों के लिए न्यायोचित नहीं है।
इस आदेश से पूर्व में राज्य सरकार ने सोलर नीति में परिवर्तन करते हुए सोलर पर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी लगाने का आदेश दिया था जिसमें सरकार ने बैंकिग और क्रेडिट इन दोनों नीतियों में संशोधन करते हुए उद्यमियों के उद्योगों की छत पर लगे सोलर प्रोजेक्ट से उत्पादित विद्युत को स्वयं की फैक्ट्री/औद्योगिक इकाई में काम लेने पर प्रति यूनिट 60 पैसे की इलेक्ट्रीसिटी डयूटी रूप में देने का आदेश भी राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया है। इस संबंध में एसोसिएशन ने पूर्व में भी विद्युत विभाग को अवगत कराया था कि एसोसिएशन ने राज्य सरकार द्वारा सोलर ऊर्जा पर लगाई गई इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के विरोध में माननीय उच्च न्यायालय में रिट फाइल कर राज्य सरकार के इस आदेश के विरूद स्टे प्राप्त किया गया है।
जैसा कि सर्वविदित है कोविड-19 (कोरोना वायरस) की पहली लहर ने ना सिर्फ राजस्थान को बल्कि पूरे देश को ठप कर दिया था इससे अभी हम उभरे ही नहीं थे कि दूसरी और तीसरी लहर ने देश के उद्योगों और आमजन की कमर ही तोडकर रख दी। जैसे तैसे उद्योगों ने अपने आप को इस प्रतिस्पर्धा के दौर में जीवित रखा हुआ है अब राज्य सरकार विद्युत विभाग संबंधित इस प्रकार की गलत नीतिया बनाकर उद्योगों को बंद होने की कगार पर पहुचा रही है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार और विद्युत विभाग से विद्युत संबंधित नीतियों में सुधार करने की मांग करते हुए प्रदेश में विद्युत की भारी क़िल्लत को देखते हुए और किसानों के हित के लिए उद्योगों से भी कम से कम विद्युत का उपयोग करने की अपील की।
इस अवसर पर जोधपुर विद्युत वितरण निगम लि. के प्रबंध निदेशक प्रमोद जी टाक ने उद्यमियों से प्रदेश में कोयले की आपूर्ति में भारी कमी, अत्यधिक गर्मी के कारण विद्युत मांग में वृद्धि एवं कोविड के बाद बढ़ी हुई व्यावसायिक गतिविधियों के कारण विद्युत की उपलब्धता एवं मांग में अन्तर की गंभीरता को समझते हुए निवेदन किया सभी औद्योगिक इकाईयाँ अपनी स्वीकृत क्षमता का 50 प्रतिशत तक ही विद्युत उपभोग करे तथा जितना हो सके लक्जरी उपकरणां का उपयोग कम से कम करे। क्योकि वर्तमान समय में खेतो में किसानों की फसल खडी है अगर उन्हे उपयुक्त बिजली नहीं मिली तो सारी फसले बर्बाद हो सकती है।