जोधपुर, 05 जुलाई 2022। जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और जोधपुर प्रदूषण नियंत्रण और अनुसंधान फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को होटल ताज हरि महल, जोधपुर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ औद्योगिक जल प्रवाह हेतु ‘जल संरक्षण और जल प्रदूषण नियंत्रण’ पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सेमिनार से पूर्व जल शक्ति मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री माननीय श्री गजेंद्र सिंह जी शेखावत अनुपस्थिति में गेस्ट ऑफ ऑनर परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमेन और परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष डॉ. के. एन. व्यास ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र द्वारा निर्मित टेक्सटाइल अपशिष्ट ट्रीटमेंट प्लांट जो कि भाभा विकिरण सहायक फ़िल्टर तकनिकी युक्त है, का प्रदेश के पहले 25000 लीटर क्षमता वाले संयंत्र BHARAT-TEXDS का हैवी इण्डस्ट्रीयल एरिया स्थित मैसर्स जोहरी लाल संचेती एण्ड कंपनी में उद्घाटन किया।

गेस्ट ऑफ ऑनर परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमेन और परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष डॉ. के. एन. व्यास ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र हर क्षेत्र में नई-नई तकनिकों को विकसित कर रहा है। ना सिर्फ परमाणु ऊर्जा बलकी प्रदूषण और मेडिकल क्षेत्र में भी नये आविष्कार कर रहा हैं। इंस्टिट्यूट और इण्डस्ट्रीज के समन्वय से यह सभी तकनिक धरातल पर आ सकती है। उन्होंने जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन का इंस्टिट्यूट और इण्डस्ट्रीज के मध्यक्ष समन्वय स्थापित करते हुए जो यह प्रयास किया उसके लिए एसोसिएशन की पुरी टीम की सरहाना की।

संगोष्ठी के अध्यक्ष महाराजा श्री गज सिंह जी ने जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रयासो की सराहना करते हुए कहा कि जल प्रदूषण की समस्या जोधपुर, पाली एवं बालोतरा के लिए सबसे बड़ी समस्या रहा है। इसके लिए सिर्फ सरकार को जिम्मेदार ठहराना कतेही सही नहीं होगा क्योकि जल प्रदूषण को रोकने की जितनी जिम्मेदार सरकार की है उतनी ही हम सभी की भी है। सरकार योजनाएं और तकनीक ला सकती है लेकिन इन योजनाओं और तकनीकों को हमे ही उपयोग में लाना होगा तभी जाकर हम आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ वातावरण बना पाएंगे।

संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अंतराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं को नई-नई तकनीको के माध्यम से देश में प्रदूषण के स्तर को कम करने और जल संरक्षण हेतु नई तकनीक विकसित करने को कहा है ताकि देश के सभी राज्यो को प्रदूषण मुक्त किया जा सके इसके लिए जब तक इन तकनीकों का उपयोग हर क्षेत्र में नहीं होगा तक तक यह संभव नहीं हैं।

इसके साथ ही केन्द्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना टेक्सटाइल पार्क की घोषणा की जा चुकी है हमारा प्रयास रहेगा कि एक टेक्सटाइल पार्क जोधपुर में भी स्थापित किया जाये जिससे जोधपुर, पाली और बालोतरा के टेक्सटाइल उद्यमियों की पानी संबंधित समस्या का निराकरण हो सके। आज हमें हमारी नदियों और तालाबों को बचाने के लिए इस प्रकार की नवीन तकनिक युक्त उपकरणों की आवश्यकता तो है साथ ही जल का दोहन रोकने के लिए हमें भी अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। 

संगोष्ठी के प्रारम्भ में अध्यक्ष एन के जैन ने अतिथियों का शब्दो द्वारा स्वागत करते हुए कहा कि जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जोधपुर के औद्योगिक विकास के साथ साथ सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है। एसोसिएशन ने टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज की सबसे बड़ी समस्या को देखते हुए बीएआरसी के साथ एमओयू साइन कर उनके द्वारा निर्मित इस नवीन तकनीक युक्त उपकरण को आज टेक्सटाइल यूनिट में स्थापित कर जल प्रदूषण को कम करने के लिए पहला कदम बढ़ा दिया है। हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज और अन्य उद्योग इस प्रकार की तकनिक युक्त उपकरणों को अपनी औद्योगिक इकाई में स्थापित कर ज्यादा से ज्यादा पानी का रिसाइकल कर पाएंगे। इससे निश्चित ही पश्चिमी राजस्थान की जल अनुपलब्ध जैसी सबसे बड़ी समस्या से निजात मिल पायेगी।

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुम्बई के ओएसडी श्री आर.एस. सोनी ने चलचित्र के माध्यम से इस नवीन तकनीक युक्त उपकरण की संपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि आज मैसर्स जोहरी लाल संचेती एण्ड कम्पनी में इस प्लांट की स्थापना एवं सफलतापूर्वक संचालन से लोकल टेक्सटाइल उद्योंगो की जल प्रदूषण से होने वाली समस्याओं पर काफी हद तक निराकरण हो पायेगा। इस तकनीक से प्रदूषित जल को कलर रहित बनाने में आसानी रहती है एवम् वही कलर रहित पानी पुनः उद्योंगो द्वारा रिसाइकल किया जा सकेगा। इस प्लांट के डिज़ाइन एवं निर्माण में डॉ. विरेन्द्र कुमार, अध्यक्ष एडवांस मैटेरियल सेक्शन एवं डॉ. निलांजल मिश्रा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, बीएआरसी का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

बीएआरसी, मुम्बई के रसायन विज्ञान समूह के निदेशक डॉ. ए.के. त्यागी ने उद्यमियों को भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान की संपूर्ण जानकारी देते हुए कहा की सभी को बीएआरसी के बारे में गलत धारणा है कि यह एक परमाणु ऊर्जा से सम्बंधित संस्था है लेकिन ऐसा नहीं है। आप हमारी वेबसाइट पर जाएं और देखे वहा आपको हमारे द्वारा निर्मित नवीन तकनीक की जानकारी मिलेगी। इन तकनीकों ने प्रदूषण जैसी कई समस्याओं को दूर या सीमित किया है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यकारी निदेशक (तकनीकी), श्री डी. पी. मथुरिया ने उधामियों को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (एनजीआरबीए) के कार्य संबंधी कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने के साथ समन्वय अंतर क्षेत्रीय व्यापक योजना और प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए एक नदी बेसिन दृष्टिकोण अपनाकर प्रदूषण और गंगा नदी के संरक्षण के प्रभावी कमी सुनिश्चित करना है और साथ ही पानी की गुणवत्ता और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाउ विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गंगा नदी में न्यूनतम पारिस्थितिक प्रवाह बनाए रखना है। इसके साथ देश की अन्य नदियों में प्रदूषण के स्तर की मॉनिटरिंग करने और उनके समाधान हेतु प्रयास करना है।

तकनीकी सत्र

ऽ     सिंगापुर की एनवायरमेट और H2O मंत्र के सीईओ और वैश्विक सलाहकार डॉ. शैलेश खार्कवाल ने टेक्सटाइल वॉटर ट्रीटमेन्ट के लिए के लिए इलेक्ट्रोऑक्सीडेशन तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस तकनीक के द्वारा मात्र 15-20 पैसे प्रति लीटर में टैक्सटाइल वॉटर को ट्रीट करके वॉटर को पुनः उपयोग किया जा सकता है।

ऽ     आईआईटी जोधपुर के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो प्रदीप के तिवारी ने चलचित्र के माध्यम से जोधपुर शहर के संदर्भ में सतत जल और उन्नत अपशिष्ट जल प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

ऽ     बीएआरसी मुम्बई के विकिरण प्रौद्योगिकी विकास प्रभाग के प्रमुख डॉ. वाई. के. भारद्वाज ने चलचित्र के माध्यम से विकिरण का प्रयोग करते हुए कैसे नए मेटिरियल या प्रक्रिया विकसित की जा सकती है जो कि पर्यावरण प्रदूषण को कम कर सके। उन्होंने इस संबंध में उद्यमियों को विस्तार से जानकारी दी।

ऽ     बीएआरसी मुम्बई के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सौमित्र कार ने बीएआरसी द्वारा निर्मित ग्रामीण भारत में तैनाती पर एक संभावित बीएआरसी जल शोधन तकनीकी की चलचित्र में माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।

ऽ     पुणे के नेटवर्क विशेषज्ञ डॉ. रूपेश गुंडवार ने चलचित्र के माध्यम से शहरी सीवर सिस्टम ओवरफ्लो के नेटवर्क मॉनिटरिंग और उपचार के लिए स्मार्ट सस्टेनेबल सॉल्यूशंस पर प्रकाश डाला।

ऽ     अमेरीका की एड एज वाटर टेक्नोलॉजीज के प्रबंध संचालक लखविंदर एस. हुंडल ने चलचित्र के माध्यम से जैविक ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पानी में ऑक्सीजन जोड़ने के लिए एक तकनीक SDAX के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यह तकनीक एक झील या नदी में जैविक भार को कम करेगी जिससे जल निकाय, मनोरंजन और अन्य सेवाओं के लिए स्वस्थ और उपयोग करने योग्य हो जाएगा।

ऽ     काजरी जोधपुर कृषिविज्ञान के प्रधान वैज्ञानिक आर.एन. कुमावत ने चलचित्र के माध्यम से घरेलू सीवेज उपचार प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी।

संगोष्ठी में मंच का संचालन सहसचिव अनुराग लोहिया एवं कोषाध्यक्ष सोनू भार्गव ने किया।

इस अवसर पर मंच पर बीएआरसी मुम्बई के रेडियो केमिस्ट्री एंड आइसोटोप ग्रुप के निदेशक डॉ. एस. कन्नन, एमबीएम विश्वविद्यालय के कुलपति अजय कुमार शर्मा, आईआईटी जोधपुर के उप निदेशक, श्री संपत राज वडेरा जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव सी.एस.मंत्री, विरिष्ठ उद्यमी गजेन्द्रमल सिंघवी, जोधपुर प्रदूषण नियंत्रण और अनुसंधान फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक जी.के.गर्ग, कार्यकारी निदेशक ज्ञानीराम मालू भी उपस्थित थे। इस अवसर पर जेआईए के पूर्व अध्यक्ष किशनलाल गर्ग, प्रकाश संचेती, अशोक कुमार संचेती, दामोदर लोहिया, उपाध्यक्ष अमित मेहता, कार्यकारिणी सदस्य ब्रिज मोहन पुरोहित, अंकुर अग्रवाल, राहुल धूत, योगेश बिडला, शिव सोनी, राकेश दवे, धनराज चौहान सहित जोधपुर की अन्य औद्योगिक संगठानों के प्रतिनिधि और रीको जोधपुर, जिला उद्योग केन्द्र तथा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित थे।

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