बुधवार, 18 अगस्त 2021। जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के उद्यमियों एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (आईआईटी जोधपुर) के प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमण्डल मंगलवार दिनांक 17 अगस्त 2021 को रीको के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) आशुतोष ए.टी. पेडणेकर से उनके जयपुर स्थित कार्यालय में मिला ओर औद्यागिक संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमण्डल में जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष एन.के.जैन, सहसचिव अनुराग लोहिया, कोषाध्यक्ष सोनू भार्गव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के निर्देशक प्रो. शांतनु चौधरी, उप निर्देशक प्रो. सम्पत राज वाडेरा एवं जोधपुर सिटी नॉलेज एंड इनोवेशन क्लस्टर के निर्देशक डॉ. टोटेजा आदि शामिल थे। इस अवसर पर रीको के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) आशुतोष ए.टी. पेडणेकर के साथ अतिरिक्त महाप्रबंधक कुलवीर सिंह भी उपस्थित थे।
जेआईए अध्यक्ष एन.के.जैन ने सीएमडी महोदय को बताया कि जोधपुर के बोरानाड़ा में जो मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित होने जा रहा है उसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (आईआईटी जोधपुर) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर (एम्स जोधपुर) के सहयोग से उन्हे नॉलेज पार्ट्नर के रूप में नियुक्त कर किया जाना चाहिए। इस मेडिकल डिवाइस पार्क के साथ इंगक्यूबैशन सेन्टर एवं कॉमन फैसिलिटी सेन्टर भी स्थापित किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने निकट भविष्य में मेडिकल डिवाइस पार्क के शिलान्यास को देखते हुए यह निवेदन किया कि मेडिकल डिवाइस पार्क में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत एवं अन्य मेडिकल डिवाइस क्लस्टर के तहत अनुदान मिलना चाहिए। विशेषकर केन्द्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को यहां पार्क के प्रारम्भ में स्थापित होने वाले उद्योगो के लिए लागू किया जाये।
इन दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के निर्देशक प्रो. शांतनु चौधरी ने मेडिकल डिवाइस पार्क के संबंध में आईआईटी की भूमिका को लेकर विस्तृत जानकारी दी। और यह प्रस्ताव पेश किया कि मेडिकल डिवाइस पार्क में जो यह कॉमन फैसिलिटी सेन्टर का निर्माण होने जा रहा है उसमें आईआईटी जोधपुर एक निश्चित भूमिका निभा सकता है और एम्स जोधपुर के साथ मिलकर इसका पूरा प्ररूप/भूमिका त्यार कर सकता है। इसके साथ ही आईआईटी में बेसिक इको सिस्टम को सुधारने के लिए जो प्रोजेक्टस है वह प्रारम्भिक चरण में आईआईटी में विकसित हो जायेंगे और वह प्रोजेक्टस या उत्पादो को व्यवसायिक उपयोग के लिए मेडिकल डिवास पार्क के जो उद्यमी है वह पा सकेंगें। इस तरह से उत्पादों के आविष्कार और अनुसंधान से लेकर उत्पादन का एक क्लस्टर तयार हो जायेगा।
इस पर रीको सीएमडी श्री आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने अपनी सहमति प्रदान की और कहा कि आईआईटी, एम्स और रीका के बिच में एक एमओयू शीघ्र ही प्रस्ताव किया जायेगा और उस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार को भी आगे भेज दिया जायेगा।
जेआईए सहसचिव अनुराग लोहिया और कोषाध्यक्ष सोनू भार्गव ने औद्योगिक क्षेत्र में व्याप्त आधारभूत समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए रीको औद्योगिक क्षेत्रों में विकास हेतु सुझाव दिये। इसके साथ ही उन्होंने कांकानी औद्योगिक क्षेत्र के मंद विकास पर चिंता जताई और कहा कि इसके विकास को तिव्र गति से किया जाना चाहिए जिससे उद्यमियो को जल्द से जल्द नया औद्योगिक क्षेत्र मिल सके और वह अपने उद्योग स्थापित कर सके।इसके अतिरिक्त उन्होंने सीएमडी महोदय से निवेदन किया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में लगभग 600 करोड़ रूपये के अनुदान की राशि अभी तक लंबित है लेकिन वर्तमान में सरकार की तरफ से केवल 60 करोड़ रूपये का बजट ही आया है उन्होंने इस अनुदान राशि को शीघ्र अति शीघ्र उद्यमियों को उपलब्ध करवाने का निवेदन किया ताकि कोरोना महामारी की मार झेल रहे उद्यमियों को कुछ हद तक राहत मिल सके।
इस अवसर पर रीको के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने उद्यमियों की समस्याओं एवं सुझावों को सुना ओर आश्वासन दिया कि प्रतिनिधिमण्डल द्वारा सुझाये गये मुद्दों पर शीघ्र प्रतिक्रिया कर निर्णय लिया जायेगा।