बुधवार, 24 फरवरी 2021। जोधपुर इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन सभागार में बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य विधानसभा में पेश राज्य के तीसरे बजट का सीधा प्रसारण किया गया।

इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष एन.के. जैन ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दिया गया है उद्योगों एवं कृषि के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।

और साथ ही उन्होंने कहा कि उद्योगो कि राज्य सरकार से यह मांग थी कि विद्युत दरों को कम किया जाये और नये उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाए, लेकिन राज्य सरकार के राजस्व का आंकडा दिखाता है कि उद्योग जगत में मंदी है कोरोना महामारी की वजह से राजस्व संग्रह कम हो रहा है तो सरकार को उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विद्युत दरो को कम करना चाहिए क्योकि उद्योगों की प्राथमिक कच्चा माल ही विद्युत है साथ ही जिस प्रकार उद्योगों पर फायर सेस लगाये गये है उन्हे भी हटाना चाहिए था जिससे उद्योग को राहत मिले और उद्योग अपनी रफ्तार पकडे अन्यथा औद्योगिक रफ्तार धीमी होने से राज्य का राजस्व घाटा बढ़ता ही रहेगा। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार ने राजस्व रोकने की जो यह नीति बनाई है इस नीति को परिवर्तित किया जाना चाहिए था। इसके साथ ही बाहर के निवेश को बढावा देने के लिए श्रम कानून में सुधार करने की अति आवश्यकता थी और कौशल विकास प्रोत्साहन के लिए आई.टी.आई और पॉलिटेक्निक कॉलेज के सुदृढीकरण की भी आवश्यकता है जो इस बजट में देखने को नही मिला है।

जेआईए निवर्तमान अध्यक्ष अशोक बाहेती ने कहा कि बजट में नई औद्योगिक निति संबंधित कोई प्रावधान नहीं किया गया है वर्तमान में उद्योगों को अलग-अलग क्षेत्र में इण्डस्ट्रीयल पार्को की आवश्यक्ता है जिससे एनजीटी की हर समय जो उद्योगों पर तलवार लटकती है उसे उद्योगों को मुक्ति मिल सके जिसके लिए सरकार को एक ठोस औद्योगिक निति की घोषणा करने की आवश्यकता थी जिससे स्वस्थ औद्योगिक वातावरण में पर्यावरण भी ठीक रहे और उद्योग भी निर्वात गति कार्य कर सके है जब तक राज्य में इस प्रकार का वातावरण नहीं बनेगा औद्योगिक विकास नहीं होगा और राज्य की आय में वृद्धि नहीं होगी जिससे घोषणाएं मात्र घोषणाएं ही होकर रह जायेगी इन घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए पूर्व में जो घोषणाएं की गई थी उनका क्रियान्वयन अभी तक नहीं किया गया है उनको देखकर ऐसा लगता है कि यह घोषणाएं सिर्फ खयाली पुलाव है जनता को जो यह शब्द बाग दिखाये जा रहे है इन शब्द बागों से जनता का पेट नहीं भरेगा जब तक यह योजनाए धरातल पर नहीं उतरेगी। इसके साथ ही जोधपुर के उद्योगों की सबसे बडी आवश्यकता सी.टी.पी प्लांट कि है जिसमें राज्य सरकार किस प्रकार सहयोग करके इन उद्योगो को आगे बढ़ा सके इस संबंध में भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। 

जेआईए के पूर्व अध्यक्ष आशाराम धूत ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट 2021-22 में पूर्णतया चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है जो कि कोरोना महामारी को देखते हुए आज की मुलभुत आवश्यकता है। साथ ही जोधपुर के मथानिया में मेगा फूड पार्क की स्थापना करने की घोषणा की गई है इसके साथ ही जोधपुर में रीजनल कैंसर सेंटर, नए डायग्नोस्टिक विंग और 400 करोड़ रूपए की लागत से थिंक टैंक सेंटर खोलने की घोषणा भी स्वागत योग्य है। बजट में कृषि आधारित उद्योग को कृषि मंडी शुल्क में कोई राहत नही दी गई है। कुल मिलाकर वाणिज्य एवं उद्योग जगत को इस बजट से निराशा ही हाथ लगी हैं।

जेआईए के सहसचिव अनुराग लोहिया ने कहा कि बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  संबंधित अच्छी घोषणाए की गई है यदि इन घोषणाओं का क्रियान्वयन होता है तो इससे प्रदेश की जनता को काफी लाभ होगा। बजट में उद्योग संबंधित कोई घोषणा नहीं की गई है जैसे जोधपुर के लिए नये औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना और यहाँ पहले से स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों के लिए विशेष कोष की घोषणा की जानी चाहिए थी जो इस बजट में देखने को नहीं मिली है। प्रदेश में विद्युत की दर काफी अधिक है उद्योगों की काफी समय से यह मांग रही है कि इन दरों को कम किया जाना चाहिए जिससे उद्योग प्रतिस्पधिये बन सके। इसके साथ ही बजट में रीको की भूमि उपयोग निति के संबंध में भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है जिससे यहाँ सर्विस सेक्टर की इण्डस्ट्रीज स्थापित नहीं हो पा रही है जबकि इसकी मांग उद्यमियों द्वारा काफी समय से की जा रही है। और प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के संबंध में भी बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है।

इस अवसर पर जेआईए कोषाध्यक्ष सोनू भार्गव, कार्यकारिणी सदस्य अरूण जैसलमेरिया, योगेश बिड़ला एवं महेन्द्र कांकरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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